हिंदी कहानियां प्रेरणादायक
पहली दो मछलियां अपने दोस्त को समझाने में असमर्थ रहीं, और स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने उसे छोड़कर जाने का फैसला किया।
सेठ ने जमीदार को लड़के के स्वप्न और निकाले जाने की बात बता दी. इस पर जमीदार ने लड़के को बुलाकर कहा- ऐ लड़के या तो तू अपने स्वप्न की बात बता दे अन्यथा आज मैं तुझे अपने यहाँ काम से निकाल दूंगा.
एक शाम, बहुत बड़ा तूफान आया, जिसमें भारी बारिश हुई। तूफान ने कई पौधों को नष्ट कर दिया।
उसे सोच में बैठा देख राधे गुप्त ने कारण पूछा. रामास्वामी ने बताया, ”आपने परीक्षा की शर्त के रूप में कहा था कि चोरी करते समय कोई देख न सके.
वहां जाकर बोले- मान्यवर ! हम दोनों ही आपकी सन्तान हैं बताइए कि हम दोनों में बुद्धि में बड़ा कौन हैं.
इस समाचार से राज्य भर में सनसनी फ़ैल गई. उस बंदी मंत्री की चारों और प्रशंसा होने लगी.
आप यहाँ तो अपना स्वप्न हमे बता दीजिए अथवा दंड भुगतने के लिए तैयार हो जाइए.
खरगोश भासुरक सिंह को कुए की मेड पर ले गया,भासुरक ने झुककर देखा तो अपनी ही परछाई दिखाई दी, उसने समझा यही दूसरा सिंह हैं. तब वह जोर से गरजा ,
राधे गुप्त की पत्नी का देहांत हो चूका था, उनकी उम्रः भी ढलने लगी थी, घर में विवाह योग्य एक कन्या थी, जिनकीं चिंता उन्हें हर समय सताती थी.
कुछ दिनों की यात्रा के बाद वो धनी युवक अपने शहर पंहुचा.
देवताओं को बड़ा बताता हूँ तो दानव नाराज होते हैं, दानवों को बड़ा बताऊँ तो देवता नाराज होते हैं, हो सकता है तब आपस में दोनों लड़ने लगे.
कमरे में से हो हो ही ही की आवाज आती रही. चीखते चिल्लाते और लड़ते झगड़ते रहे.
कुछ समय बाद वहा से ऊंटों का झुण्ड गुजरा. कुरज ने ह्रदय चिर देने वाली करुण स्वर में विनती की.
भले ही इसके लिए चोरी का रास्ता क्यों न चुनना पड़े. लेकिन सभी को एक शर्त का पालन करना होगा, शर्त यह है कि किसी भी शिष्य को चोरी करते हुए कोई देख न सके.